MP Salary Hiked In India What Is The Rule.

MP Salary Hiked In India: केंद्र सरकार ने सांसदों की सैलरी में 24 फीसदी का बड़ा इजाफा किया है। अब एक महीने में सांसदों को 1 लाख की जगह 1.24 लाख रुपये मिलेंगे। अब सांसदों की सैलरी में तो इजाफा हुआ ही है, इसके साथ-साथ उनकी डेली अलाउंस में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है, वो रकम ₹2000 से बढ़कर ₹2500 कर दी गई है। इसी तरह पूर्व सांसदों की पेंशन में भी बड़ा इजाफा देखने को मिला है, अब उन्हें 25000 की जगह 31000 रुपए महीने के मिलेंगे।

यहां पर समझने वाली बात यह है कि फरवरी 2018 तक तो सदन के पास ही ताकत होती थी कि वो सांसदों की सैलरी तय करता था, लेकिन बाद में फाइनेंस एक्ट 2018 लाया गया और उसमें साफ कहा गया कि हर 5 सालों में कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स को देखते हुए सांसदों की सैलरी में बदलाव किया जाएगा।

1954 में कितनी सैलरी मिलती थी?

दिलचस्प बात यह है कि 1954 में सांसदों को मात्र ₹300 की सैलरी मिलती थी, वही उसे समय उनका डेली अलाउंस का आंकड़ा ₹20 रहता था। उसके बाद तो स्थिति में साल दर साल बदलाव आता रहा और सांसदों की सैलरी काफी ज्यादा हो चुकी है। 1955 आते-आते सांसदों को कुछ और सुविधाएं दी जाने लगी थीं, उदाहरण के लिए उन्हें भारतीय रेलवे में फर्स्ट क्लास कोच की टिकट मिलती थी। इसके बाद 1966 में एक बार फिर सांसदों की सैलरी में इजाफा किया गया और उन्हें महीने के ₹500 मिलने लगे। 1976 में सदन ने मुफ्त एयर सेवा की सुविधा भी सांसदों को देनी शुरू कर दी, कंडीशन सिर्फ इतनी थी ऐसी स्थिति रहे जब सांसद रेल या सड़क मार्ग से नहीं जा पाएगा।

इसके बाद 1983 में सांसदों की सैलरी में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी और आंकड़ा 750 रुपए तक पहुंचा। तब संसदों का डेली अलाउंस ₹75 कर दिया गया था। 2 साल बाद 1985 में सांसदों की सैलरी में 33 फीसदी का एक और इजाफा देखने को मिला और पहली बार आंकड़ा हजार रुपए तक गया। एक बड़ा बदलाव यह भी रहा कि सांसद एक साल में 16 बार हवाई यात्रा कर सकते हैं, उनकी मंथली पेंशन को बढ़ाकर भी 300 से ₹500 कर दिया गया था।

अटल सरकार में बदली सांसदों की किस्मत

वैसे सबसे बड़ा और निर्णायक इजाफा अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान देखने को मिला था, 1998 में सांसदों की सैलरी में 167 फ़ीसदी की बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली थी।

उस समय सांसदों की सैलरी महीने की ₹4000 कर दी गई थी, इसके बाद 2001 में एक बार फिर 200 फ़ीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली और सांसदों की सैलरी प्रति माह ₹12000 तक पहुंच गई। 2006 में जब मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे, तब सांसदों की सैलरी में 33 फीसदी और इजाफा किया गया और उन्हें महीने के 16000 रुपए मिलने लगे।

मोदी सरकार में सांसदों की कैसी स्थिति?

अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान यूपीए सरकार ने सबसे बड़ी बढ़ोतरी सांसदों की सैलरी में की थी। 2010 में 213 फ़ीसदी की बढ़ोतरी के साथ सांसदों की इनकम को प्रति माह ₹50000 कर दिया गया। मोदी सरकार के आने के बाद 2018 में सांसदों की सैलरी को सीधे डबल करने का काम किया गया और आंकड़ा 1 लाख प्रति माह चला गया। वैसे सांसदों की सैलरी में इतना इजाफा जरूर देखने को मिला है, लेकिन अभी भी कई राज्यों के विधायक एक सांसद से ज्यादा पैसे कमाते हैं। उदाहरण के लिए झारखंड में हर विधायक को महीने के 2.88 लख रुपए मिल रहे हैं, इसी तरह महाराष्ट्र में 2.61 लाख की सैलरी विधायकों को दी जा रही है।

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